Wednesday, 26 February 2025

शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua

  

शिव चर्चा शिव का ही एक रूप है जिसे लोग शिव चर्चा कहते हैं । देखा जाए तो आज के समय में शिव गुरू यानी शिव चर्चा लोग बड़े धूम धाम से कर रहे हैं । इतना ही नहीं बल्कि बिहार - झारखण्ड सहित उत्तर प्रदेश में भी शिव चर्चा मनाया जाता है।

शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua

बिहार - झारखण्ड के औरत शिव चर्चा को एक बहुत ही बडा पूजा मानते हैं मान्यता है कि शिव चर्चा जो लोग करते हैं उसके मांगे गए सभी मनोकामना पूर्ण होती है । यहीं वजह है कि लोग ज्यादा संख्या में और बिहार - झारखण्ड के हर राज्य ओर हर गांव समेत हर घर में किया जाता है । 


Read more - 100 Followers 100 Like 100 Comments Janiye kaise badhayen ?


तो दोस्तों चलिए जानते हैं कि शिव चर्चा का निर्माण कब हुवा ओर शिव गुरू का भजन कीर्तन सबसे पहले किसने शुरु किया साथ ही जागो - जागो महादेव हो जगा द महादेव लिखा हुआ किताब को किस प्रकार से आप डाउनलोड कर सकते हैं । इन सभी के बारे मै आपको पूरी जानकारी देंगे तो आप हमारे ब्लॉग के साथ अंत तक बने रहें तो चलिए शुरू करते हैं । 


शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua

सबसे पहले आपको बता दूं कि अगर आप शिव चर्चा के किताबे या शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua book आप लेना चाहते हैं तो ये आपके नजदीकी Book Store पर मिल जायेगा । जो कम कीमत के साथ अच्छा होगा जिसे आप तुरंत प्राप्त कर सकते हैं । अन्यथा :- 


शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua

शिव चर्चा गीत लिखा हुआ या जागो महादेव हो जगा दे महादेव लिखा हुआ बुक आप ऑनलाइन लेना चाहते हैं तो ये आपको Amazon , Flipkart पर भी मिल जायेगा । अगर आप इस बुक को लेना चाहते हैं तो दिए गए Order Now पर क्लिक करें और Whatsapp में Join हो जाएं । जहां से आप इस बुक को ले सकते हैं । 



शिव चर्चा की शुरुवात कब हुई और किसने की ? 

शिव चर्चा के शुरुवात हरींद्रानंद जी ने किया था और इसका जन्म 31 अक्टूबर 1948 सिवान के अमरोली गांव में हुआ था । उन्होनें 1974 में शिव को गुरु के तौर पर स्वीकार किया था । हालाकि खुद 14 वर्षीय तक बिहार के आरा जिला के गांगी शमशान में जाकर उन्होने साधना की थी । 

शिव चर्चा जागा जागा महादेव हो जगा द महादेव likha hua

हरींद्रानंद जी ने बिहार के ही मधेपुरा जिला से 1982 में की । वहा उनके करीबी रहे दिलीप कुमार झा ने उसे भरपूर साथ दिया । ओर शिव चर्चा को बिहार - झारखण्ड में प्रसिद्ध कर दिया लोग इसे आज भी धूम धाम से मना रहे हैं । 


शिव चर्चा के तीन सूत्र ? 

शिव चर्चा के तीन सूत्र जो आपके ओर आपके शिष्या दीदी के जीवन को सुधार देता है इस सूत्र के मदद से आप शिव गुरु से कुछ भी मांग सकते हैं लेकीन इस सूत्र का ये मतलब नहीं है कि जब आप शिव चर्चा कर रहे हैं तभी इसको याद रखे बल्कि इसे हमेशा याद रखना होगा । 


  1. पहला सूत्र होता है दया मांगना ………..

  2. दूसरा सूत्र होता है चर्चा करना ………….. 

  3. तीसरा सूत्र होता है नमन करना ……….. 


हरींद्रानंद जी का निधन ? 

स्वामी हरींद्रानंद जी बिहार - झारखंड का दौरा अक्सर करते रहते थे उन्हे सीने में दर्द उठा और उसे रांची के पारस हॉस्पिटल में भर्ती किया गया । हरींद्रानंद जी का निधन करीब सुबह 3:00 हो गया है । इस ख़बर सुनने के बाद काफ़ी लोग उसके घर रांची पहुंच गए हैं । 


Read more - 1 साल पुराना डिलीट फोटो वीडियो को रिकवरी करे ? 


दोस्तों स्वामि हरींद्रानंद जी इस दुनिया में हो या ना लेकिन लोग आज भी उसके द्धारा बताए गए और शिव चर्चा का निर्माण किया गया । आज भी लोग कर रहे हैं और हमेशा करते रहेंगे । क्योंकि शिव सच है शिव अमर है और शिव अनेक हैं । 


निष्कर्ष 

हिंदु धर्म ग्रंथ के अनुसार सभी को हिंदू धर्म के बारे में पता होना चाहिए साथ ही हमेशा भगवान को पुजन्य ओर भगवान से डरना चाहिए । क्योंकि भगवान ही रचेता है और भगवान ही सब कुछ है बल्कि आप जो देख रहें हैं ये सब मोह माया है । 


इतना ही नहीं इस दिखावे के दुनिया में कोई भी अपना नही है खाली हाथ आए हो खाली हाथ जाओगे । जो आप ने भजन कीर्तन किया है वही साथ जायेगा । इसलिए भगवान को हमेशा पूजना चाहिए और उस से कुछ ना कुछ मांगना चाहिए क्योंकि उसी ने बनाया है । 


तो दोस्तों आप समझ गए होगे कि हिंदू धर्म का मतलब क्या है साथ ही हिंदू धर्म के अनुसार भगवान को हमेशा पूजना चाहिए । क्योंकि इस दुनिया में सबसे बड़ा पाप है भगवान का नाम ना लेना । भगवान ने बनाया है भगवान को कभी भी नही भूलना चाहिए । अगर आपके मन में कोई सवाल है तो कॉमेंट बॉक्स में बताओ । जय महादेव जय महाकाल ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


महादेव तुम्हारे चरणों का जब हमको ठिकाना हो जाता

शिव चर्चा का किताब PDF

महादेव के चर्चा

शिव चर्चा गीत लिखा हुआ

No comments:
Write comment